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Tuesday, June 23, 2020

What is computer virus in Hindi

What is computer virus in Hindi
(कंप्यूटर वायरस क्या है हिंदी में?)

What is computer virus in Hindi

आज के इस आधुनिक युग में मनुष्य अपने कामों को आसान बनाने के लिए नित नए नए अविष्कार करता रहता है और इन्हीं अविष्कारों में से एक अविष्कार कंप्यूटर का है जो कि हर एक काम को सटीकता से कर सकता है और इसी की वजह से हम मनुष्यों की कंप्यूटरों पर निर्भरता भी बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है और इसी कड़ी में जो लोग कंप्यूटर का प्रयोग करते हैं वह या तो कंप्यूटर वायरस के नाम से परिचित होंगे या तो अगर वह नहीं भी परिचित हैं तो इस ब्लॉग में उन्हें कंप्यूटर वायरस के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त होने वाली है।

 Computer virus जैसा किसके नाम से पता चलता है इसके नाम में virus शब्द लगा हुआ है वही वायरस शब्द जो कि इंसानी शरीर को भी नुकसान पहुंचा सकता है और जिसके कारण से कई बीमारियां होती हैं जो किसी भी मायने में इंसानी शरीर के लिए फायदेमंद नहीं है ठीक उसी प्रकार से कंप्यूटर वायरस भी होते हैं जो हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं और हमारे कंप्यूटर को खराब कर सकते हैं या हमारे डाटा को नष्ट कर सकते हैं या कि हमारे डाटा को मॉडिफाई कर सकते हैं या कॉन्प्रोमाइज कर सकते हैं किंतु यह प्राकृतिक नहीं बल्कि मानव निर्मित होते हैं यानी कि या भी एक प्रकार के कंप्यूटर प्रोग्राम ही होते हैं जोकि कंप्यूटर में रखे हुए डाटा या कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से बनाए जाते हैं।

कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने के आधार पर वायरस के विभिन्न प्रकार हैं और आगे हम देखते हैं इसमें की इसके कौन-कौन से प्रकार हैं यह किस प्रकार हमारे कंप्यूटर को क्षति पहुंचाता है औरइसके इतिहास के बारे में और इस से कैसे बचाव किया जा सकता है जैसी चीजें।


कंप्यूटर वायरस क्या है वास्तव में?
कंप्यूटर वायरस कुछ और नहीं बल्कि यह एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम ही होता है परंतु इसका निर्माण कंप्यूटर के डाटा को डिलीट करने उसे मॉडिफाई करने या उसे कंप्रोमाइज करने या कंप्यूटर को ही क्षति पहुंचाने के लिए किया जाता है यह हमारे कंप्यूटर के लिए फायदेमंद नहीं होता और प्रोग्राम्स की तरह बल्कि नुकसान दे होता है और यह कंप्यूटर्स कुछ कुछ इस तरह खराब कर सकते हैं कि इन्हें ठीक कर पाना या रिकवर कर पाना बहुत ही मुश्किल हो जाता है।

एक बार या जिस कंप्यूटर को इंपैक्ट कर देते हैं उसके बाद यह खुद-ब-खुद दूसरे कंप्यूटर जो उनके कांटेक्ट में या  संपर्क में आते हैं उन्हें भी यह इनफेक्ट कर देते हैं और यह खुद ब खुद अपने मालीशियस कोर्ट को कंप्यूटर्स में इंसल्ट कर देते हैं जोकि कंप्यूटर को या हमारे प्रोग्राम और डाटा को क्षति पहुंचाता है।
सॉफ्टवेयर प्रोग्राम कंप्यूटर को सही तरह से काम करने के लिए बनाए जाते हैं और हमारे काम को आसान करने के लिए बनाए जाते हैं परंतु ठीक इसके उलट कंप्यूटर वायरस को कंप्यूटर को क्षति पहुंचाने के लिए कामों में व्याधा बाधा उत्पन्न करने के लिए यानी किसी भी तरह नुकसान पहुंचाने के लिए बनाया जाता है।
या यह कहें कि कंप्यूटर वायरस प्रोडक्टिव नहीं बल्कि डिस्ट्रक्टिव प्रोग्राम सोते हैं।


History of computer virus in Hindi
(कंप्यूटर वायरस का इतिहास हिंदी में)
कंप्यूटर वायरस को सर्वप्रथम बेबी एंड टेक्नोलॉजी इज में काम करते वक्त 1971 में इंजीनियर रॉबर्ट थॉमस ने डिवेलप किया था जिसका नाम उन्होंने क्रीपर वायरस रखा था।
अंग्रेजी भाषा में क्रीपर शब्द का अर्थ होता है रेंग कर चलने वाले जीव इसका ऐसा नाम इसलिए लिखा गया था क्योंकि या खुद ब खुद एक कंप्यूटर से दूसरे कंप्यूटर को प्रभावित करते हुए चलता था जिस प्रकार कोई बैक्टीरिया या रेंग कर चलने वाले जीव एक जगह से दूसरी जगह खुद-ब-खुद जाते हैं इसीलिए इसका नाम  क्रीपर रखा गया था।

इस प्रोग्राम को एक्सपेरिमेंट के लिए बनाया गया था जिसे इंजीनियर थॉमस ने  ARPANET  के मेनफ्रेम स्कोर इन फैक्ट करने के उद्देश्य से किया था।
यह वायरस  I am the creeper catch me if you can मैसेज को स्क्रीन पर डिस्प्ले करता था।


सबसे पहले ट्रैक किया गया वायरस?
"Elk cloner"  नाम के इस वायरस को सबसे पहले ट्रैक किया गया था पूरे कंप्यूटर वायरस की हिस्ट्री में इस वायरस में फ्लॉपी डिस्क के माध्यम से सबसे पहले एप्पल सेकंड ऑपरेटिंग सिस्टम को इनफेक्ट किया था और इस वायरस को "Richard skentra" के द्वारा सन् 1982 में डिवेलप किया गया था।

इन मलेशियास प्रोग्राम्स का कंप्यूटर वायरस नाम कैसे पड़ा?
इन मलेशियास प्रोग्राम्स को फ्रेंड को हिना के द्वार सना 1983 में सबसे पहले कंप्यूटर वायरस का नाम दिया गया।
इन मलेशिया प्रोग्राम्स का नाम कंप्यूटर वायरस तब सामने आया जब इन्होंने अपने एक एकेडमिक पेपर में प्रोग्राम का नाम computer virus theory and experiment में इन मलेशियास प्रोग्राम्स की पूरी जानकारी प्रदान की थी एवं यह कैसे कार्य करता है और क्या नुकसान पहुंचा सकता है इत्यादि।


कंप्यूटर वायरस कैसे नुकसान पहुंचा सकते हैं और क्या कर सकते हैं?
कंप्यूटर वायरस का काम हमारे कंप्यूटर में उपस्थित डाटा को करप्ट या डिलीट करना होता हैकंप्यूटर वायरस हमारे कंप्यूटर की हार्ड डिस्क में स्टोर डाटा को मॉडिफाई कर सकता है या फिर उसे डिलीट भी कर सकता है।
कंप्यूटर वायरस ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों ही तरीके से हमारे कंप्यूटर में भेजे जा सकते हैं जिसमें से किसी साइट को विजिट करते वक्त या ईमेल के थ्रू या किसी एप्लीकेशन के डाउनलोड करने पर ऑनलाइन वह हमारे कंप्यूटर में भेजे जा सकते हैं या फिर ऑफलाइन में तब जबकि हम किसी इनफेक्टेड कंप्यूटर से किसी पेनड्राइव या फिर किसी और माध्यम से डाटा एक्सचेंज कर रहे होते हैं।


Types of computer virus
(कंप्यूटर वायरस के प्रकार ?)

1)Malware(मलवेयर)
2)Trojan Horse(ट्रोजन हॉर्स)
3)Warm(वर्म)
4) Rensomware(रैनसमवेयर)


1)What is malware detail in Hindi
(मलवेयर क्या होते हैं हिंदी में जाने ?)


What is computer virus in Hindi

जो मलेशियास सॉफ्टवेयर हमारे कंप्यूटर को क्षति पहुंचा सकते हैं या किसी भी तरीके से नुकसान पहुंचा सकते हैं उन्हें हम मालवेयर कहते हैं  मलेशियास सॉफ्टवेयर का मतलब होता है खराब सॉफ्टवेयर यहां खराब हानिकारक के संदर्भ में है।
यदि यह किसी भी तरह हमारी डिवाइस में अगर एक बार आ जाए तो यह उसे खराब कर सकता है या की तो हमारे उसमें उपस्थित डाटा डिलीट कर सकता है या फिर उसे मॉडिफाई कर सकता है।।
मालवीय भी एक प्रकार के वायरस का ही नाम है जो हमारे कंप्यूटर के डाटा को धीरे-धीरे खत्म करता है।
  

From where malware come in Hindi
(हमारे कंप्यूटर में मलवेयर कहां से आ जाते हैं हिंदी में?)
मालवीय का हमारे कंप्यूटर में आने का कोई सोर्स हो सकता है लेकिन आज के दिन बहुतायत ही सामान प्रयोग की जाने वाली चीज है इंटरनेट जहां हम रोज किसी न किसी काम से या फिर अपने मनोरंजन के लिए या कि नहीं और उद्देश्य से जाते हैं इन दिनों सबसे ज्यादा जहां पर लोग गो का ज्यादा काम लगता है वह है इंटरनेट और यह भी कंप्यूटर्स में मालवीय आने का एक मुख्य स्रोत सोर्स है।

फिर चाहे हम इंटरनेट पर कोई इंफॉर्मेशन सर्च करने जाते हैं या फिर अपने मनोरंजन को ध्यान में रखते हुए किसी मूवी को डाउनलोड करने के लिए या फिर कोई भी पायरेटेड या फ्री सॉफ्टवेयर डाउनलोड करते हैं तब या उसके साथ मलेशियास स्कोर हमारे कंप्यूटर्स में आ जाता है और उसे इनफेक्ट कर देता है।
ऑनलाइन के अलावा ऑफलाइन भी हमारे कंप्यूटर्स में मलेशियास सॉफ्टवेयर या कंप्यूटर वायरस आ सकते हैं जिनमें से किसी सीडी ,हार्ड डिस्क ,पेन ड्राइव ,मेमोरी कार्ड इत्यादि के द्वारा किसी इन्फेक्टेड कंप्यूटर से डाटा एक्सचेंज करने पर वह स्टोरेज डिवाइस भी इन्फेक्टेड हो जाती है और फिर उसे जिस कंप्यूटर में लगाया जाता है वह उस कंप्यूटर को भी इनफेक्टेड कर देती है।

Types of malware in Hindi
(मालवेयर के प्रकार हिंदी में?)
वायरस,वंश,ऑटो ट्रोजन हॉर्सेज तीन प्रकार के मॉल वेयर हैं।यह तीनों अलग प्रकार के मालवेयर का काम अलग अलग है और इनका कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने का तरीका अलग है यह किस प्रकार से हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाते हैं इसके बारे में नीचे बताया गया है।


2)What is trojan horse and how they affect our computer in Hindi
(ट्रोजन हॉर्स क्या होते हैं और यह हमारे कंप्यूटर को किस प्रकार क्षति पहुंचाते हैं?)

What is computer virus in Hindi


यह मलवेयर हमारे कंप्यूटर में अपनी पहचान छुपाकर अपनी जगह बनाए रखता है और बैकग्राउंड में मालिसियस एक्टिविटीज को परफॉर्म करता है और यूजर को कुछ पता भी नहीं चलने देता जिससे कि या हमारे कंप्यूटर को बहुत ही आसानी से खराब कर देता हैयह किसी सॉफ्टवेयर के रूप में भी हो सकता है जिसे हम एक अच्छा सॉफ्टवेयर समझकर अपने कंप्यूटर में इंस्टॉल कर लेते हैं लेकिन यह हमारे कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाता है क्योंकि यह एक ट्रोजन हॉर्स होता हैजो कि उस सॉफ्टवेयर के बैकग्राउंड में अपना काम करता है।
यह हमारी कंप्यूटर की परफॉर्मेंस को स्लो कर देते हैं और कई बार दूसरे पोर्ट्स को भी खोल देते हैं जिसके जरिए दूसरे वायरस और मलेशिया सॉफ्टवेयर भी हमारे कंप्यूटर में आ जाते हैं।


3)What is worms and how they infect computer in Hindi
(वॉर्म्स क्या होते हैं और हमारे कंप्यूटर को कैसे नुकसान पहुंचाता हैं हिंदी में?)

What is computer virus in Hindi


यह वायरसों की ही तरह होते हैं लेकिन इनमें एक भी नेता होती है कि यह खुद को बढ़ाते जाते हैं यानी कि मल्टीप्लाई करते जाते हैं और अपने आप को फैलाने की कोशिश करते हैं खुद-ब-खुद और यह कंप्यूटर में आते ही अपने फाइल्स की बहुत सारी कॉपियां बनाना शुरु कर देता हैजिसके परिणाम स्वरूप हमारा कंप्यूटर स्लो हो जाता है और यदि हम उसी फाइल को दूसरे कंप्यूटर में शेयर करते हैं तो यह उस कंप्यूटर में भी अपनी कॉपी बना लेता है और उन्हें भी स्लो कर देता है।


4)What is Ransomware Virus in hindi
(रैनसमवेयर क्या होता है हिंदी में ?)
दोस्तों आजकल Ransomware virus अटैक कितना ज्यादा पॉपुलर है  यह आप अच्छी तरह जानते होंगे लेकिन आप यह शायद नहीं जानते होंगे की यह वायरस कितना ही ज्यादा खतरनाक है आज के इस ब्लॉग में मैं आपको बताने जा रहा हूं कि Ransomware virus कितना  खतरनाक है और यह किस तरह काम करता है और इससे आप किस तरह बच सकते हैं।
Ransomware virus के बारे में अधिक जानने के लिए आप इस लिंक पर क्लिक करके Ransomware virus से संबंधित सारी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। 

Read full article about Ransomware virus at :CLICK HERE


Sign that shows the computer is infected with virus in Hindi
(कैसे पता चलता है कि कंप्यूटर में वायरस है हिंदी में?)
नीचे बताए गए इन साइन से हम यह जान सकते हैं कि हमारे कंप्यूटर में वायरस है या नही-:
1) हमारे सिस्टम की परफॉर्मेंस लो हो जाना।
2) हमारे प्रोग्राम या एप्लीकेशंस खुद-ब-खुद खुलने और बंद होने लगे।
3) अपने आप फाइल्स की कॉपी स्क्रिएट होना।
4) फाइल करप्ट हो जाना या एप्लीकेशन करप्ट हो जाना।
5) हमारे फाइल फोल्डर एप्लीकेशन का करब होने के बजाय डिलीट हो जाना भी एक साइन हो सकता है।
6) स्क्रीन पर बार-बार पॉपअप के वार्निंग आना।


How to save your computer from viruses like Trojan horses,worms, malwares in Hindi
(कैसे अपने कंप्यूटर को वायरस  ट्रोजन हॉर्स ,वार्म, मालवेयर से कैसे बचाएं हिंदी में?)
नीचे दिए गए उपायों से हम अपने कंप्यूटर को मालीशियस सॉफ्टवेयर से बचा सकते हैं-

1) हमेशा अपने कंप्यूटर शॉप सिस्टम में एक अच्छा एंटीवायरस इंस्टॉल करके रखें।
2) अपने एंटीवायरस को समय-समय पर अपडेट करते रहें जब भी जरूरत हो।
3) किसी भी एनोनिमस ईमेल को ना खोलें और बिना जानकारी के किसी भी लिंक पर क्लियर क्लिक            ना करें।
4) अनऑथराइज्ड एप्लीकेशन स्कोर या पायरेटेड एप्लीकेशन स्कोर डाउनलोड करके इंस्टॉल करने से            बचें।
5) अनऑथराइज्ड वेबसाइट से भी कुछ भी डाउनलोड करने से बचें।
6) किसी भी डाउनलोडेड चीज को या फिर किसी कंप्यूटर से शेयर की हुई फाइल ऐप आदि को स्कैन              जरूर करें।
7) रिमूवेबल स्टोरेज डिवाइसेज को स्कैन करने के बाद ही इस्तेमाल में ल आए।


What are the things that user should never do in Hindi
(कौन सी चीजें कंप्यूटर यूजर को कभी भी नहीं करनी चाहिए हिंदी में?)
नीचे बताई गई इन चीजों को का ध्यान रखकर के भी कंप्यूटर यूजर्स अपने आप को मलेशिया सॉफ्टवेयर्स यानी कि मालवेयर से बचाए रख सकते हैं-

1) कभी भी एनोनिमस सेंडर के ईमेल को ना खोलें।
2) अनट्रस्टेड वेबसाइट से कभी भी कुछ भी डाउनलोड नहीं करना चाहिए।
3) लुभावने विज्ञापनों से या लुभावने ऑफर जो हमें ईमेल में आते हैं उनसे हमेशा सतर्क रहना चाहिए और ऐसे ईमेल्स को कभी भी ना खोले जाए ऐसे विज्ञापनों पर भी कभी भी क्लिक नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें मालवेयर सॉफ्टवेयर होने के बहुत ही ज्यादा चांसेस होते हैं।


Conclusion
(निष्कर्ष)
यदि आप लोगों को कंप्यूटर वायरस एवं मालवेयर से जुड़ी हुई यह सारी जानकारी अच्छी लगी हो तो पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और इसमें हमारी टीम ने हार 1 पॉइंट्स को कवर करने की कोशिश की है धन्यवाद।

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